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वृंदावन धाम, गोपियों का प्यारा, गोपाल के लीला, मोहन का अधिकार।

वृंदावन धाम, गोपियों का प्यारा, गोपाल के लीला, मोहन का अधिकार।

गोवर्धन पर्वत, गोपाल का खेल, रास रचाते गोपियाँ, भक्ति का मेल।

कंस वध की कथा, मधुसूदन की विजय, प्रेम भक्ति का पथ, आत्मा का अद्वय।

मीराबाई के भजन, प्रेम की कहानी, कृष्ण भक्ति में लीन, नाम रस की खानी।

वृंदावन की गलियों में, राधा का आवास, गोपीयों के जीवन का, प्रिय कृष्ण का विलास।

धरती पे अवतरण, श्रीकृष्ण का लीला, वृंदावन धाम में, हर पल है खिला।

जन्माष्टमी की रात, बजते हैं बाँसुरी, गोपाल की माखन चोरी, प्रेम की पूरी भरी।

वृंदावन धाम का, यही है अद्भुत सौंदर्य, हर पल भगवान का, करता है विचार चिन्तन का भाग्य।

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