श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा रचित ‘शिक्षाष्टकम’ आठ श्लोकों का संग्रह है, जो भगवत भक्ति और नामस्मरण के महत्व को दर्शाते हैं। इन श्लोकों में भगवान…
जब जब अधर्म बढ़ता है, तब तब धर्म की पुनः स्थापना हेतु स्वयं प्रभु अवतरित होते हैं। रामनवमी, प्रभु श्रीराम के प्राकट्य का वह पावन…
गौर प्रिय दास | श्रीमद्भागवत कथा वक्ता | कृष्णकथा और चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाएं | Vrindavan Bhakti Speaker गौर प्रिय दास के बारे में गौर…
राधा-कृष्ण नाम वैष्णव भक्ति परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन नामों का जाप और स्मरण भक्त को आध्यात्मिक उन्नति और ईश्वर के साथ गहन संबंध…
यह प्रेरणादायक कथा, श्री मधुसूदन सरस्वती के जीवन में अद्वैत वेदांत से गूढ़ भक्ति मार्ग की ओर उनके परिवर्तन को दर्शाती है। श्री मधुसूदन सरस्वती…
गीता का अगला पाठ: दामाद के लिए मार्गदर्शन दामाद का परिवार में एक विशेष स्थान होता है। वह न केवल अपनी पत्नी का साथी होता…
गीता का अगला पाठ: बेटी के लिए मार्गदर्शन एक बेटी का स्थान परिवार में विशेष होता है। वह न केवल अपनी माता-पिता की प्यारी संतान…
गीता का अगला पाठ: माता के लिए मार्गदर्शन माता का स्थान परिवार में सबसे महत्वपूर्ण होता है। वह न केवल बच्चों को जन्म देती है,…
गीता का अगला पाठ: नवविवाहित दंपत्ति के लिए मार्गदर्शन नवविवाह का समय जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है, जहाँ दो व्यक्ति अपने…
भगवद् गीता: पंद्रहवां अध्याय – पुरुषोत्तम योग पंद्रहवां अध्याय को “पुरुषोत्तम योग” कहा जाता है। इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा की अमरता और…