जीवन के अमूल्य वचन निम्नलिखित दोहे, श्लोक और सीख प्रस्तुत हैं, जो जीवन की सच्चाईयों और आध्यात्मिक मूल्यों को दर्शाते हैं:
दोहे:
- सत् सत्य है, असत् असार, जीवन का यही है सार। सत्य का ही मार्ग चले, वह पाएँगे भव पार।।
- मन के जीते जीत है, मन के हारे हार। यह जीवन की रीत है, समझो यह आधार।।
- काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। क्षण में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब।।
- सबसे मीठा बोलिए, सबका कीजिए मान। धरती पर यही है सच्चा, मानव का पहचान।।
- राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट। अंत समय पछताओगे, प्राण जांहि जब छूट।।
श्लोक:
- “श्रेयोऽर्थिनां सुकृतिनां अणुदेव हरे: कथा। श्रृण्वन्ति गायन्ति भजन्ति च, श्रेयो हि परमं स्मृतम्।।”
(श्रीमद्भागवतम् 2.3.12)
अर्थ: जो लोग कल्याण की इच्छा रखते हैं, वे भगवान हरि की कथा को सुनते हैं, गाते हैं और भजते हैं। यही परम श्रेय का साधन है। - “धर्म एव हतो हन्ति, धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद् धर्मो न हन्तव्यः, मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।”
(मनुस्मृति 8.15)
अर्थ: धर्म को नष्ट करने वाला स्वयं नष्ट हो जाता है, धर्म की रक्षा करने वाला स्वयं की रक्षा करता है। इसलिए धर्म को कभी नष्ट नहीं करना चाहिए, अन्यथा धर्म भी हमें नष्ट कर देगा। - “श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव। जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव, गोविन्द दामोदर माधवेति।।”
अर्थ: हे जिह्वा, श्री कृष्ण, गोविन्द, हरे, मुरारे, नाथ, नारायण और वासुदेव के नाम रूपी अमृत का पान कर। यही परम मधुर रस है।
जीवन की सीखें:
- धैर्य और संयम:
जीवन में हर संघर्ष से पार पाने के लिए धैर्य और संयम आवश्यक है। यह सीखते हुए हमें कठिनाइयों में भी संतुलन बनाए रखना चाहिए। - सच्चाई और ईमानदारी:
सत्य और ईमानदारी का मार्ग कभी आसान नहीं होता, परन्तु यह हमें सच्चा संतोष और आंतरिक शांति प्रदान करता है। - कर्म और भाग्य:
“कर्म ही भाग्य का निर्माता है” — इसलिए सदैव अच्छे कर्मों में लीन रहना चाहिए, क्योंकि हमारा भविष्य हमारे कर्मों का ही परिणाम है। - प्रेम और करुणा:
जीवन में प्रेम और करुणा का बहुत महत्व है। दूसरों की सेवा और मदद करने से हमारा मन और आत्मा दोनों ही प्रसन्न रहते हैं। - मृत्यु का स्मरण:
यह जीवन क्षणभंगुर है। हर दिन इस बात का स्मरण रखें कि मृत्यु निश्चित है, और इसी के साथ हमें अपनी आत्मा के कल्याण के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

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